मैने भगवान को देखा है
जिंदगी से हार मानकर जब भी मैने खुद को खत्म करना चाहा था,तब तब मेरे इस ओर बढ़ते कदमों को रोकने के लिए मेरे नाना नानी का चेहरा सामने आया था।जब रेत से फिसल रहे वक़्त में हर ओर बढ़ते कदम रुक रहे थे मेरे तब रात के साए में एक ख़्वाब मेरी आंखो में आकर कुछ इस तरह बस गया था जैसे किसी ने मुझे मेरी जिंदगी का मकसद मुझे बताया था।उस ख्वाब के लिए जब जीना मैने शुरू किया था तब सभी ने मेरा साथ छोड़ दिया था पर जिस ख्वाब ने मुझे अंधेरे से बाहर निकाला अब उसने ही मेरा हर दौर में साथ निभाया था।
मेरे लिए मेरा ख्वाब ही मेरा खुदा बन चुका है जिसको मै रोज़ महसूस करती हूं।जिसके नाम मैने अपनी पूरी जिंदगी को के दिया है।मेरी जिस जिंदगी में अब तक मेरे नाना नानी ही मेरे भगवान थे। अब उस भगवान की फेहरिस्त में मेरे ख्वाब ने भी अपना वो स्थान बना लिया है जिसे कभी कोई नहीं ले सकता।मेरे अकेले होने पर मेरा ख्वाब ही मेरा साथ देता है। कोई और सुने न सुने मेरी पर मेरा ख्वाब मेरे दिल की आवाज़ को पहचान लेता है।इस खुदा की इबादत से ही मेरे दिन की शुरुआत और रात का सफर तय होता है और इसी ख्वाब के बगैर अब मुझे मेरा जीवन मुल्यहीन प्रतीत होता है। गुरु पूर्णिमा का असली हकदार भी मेरा यही ख्वाब है