मैथिल रंग अनूप
संस्कृत-पाली-मागधी,
मैथिल रंग अनूप*
किछु अंशों मे बंगला,
किछु मे हिंदी रूप
शामिल मैथिल आठवीं,
सूची मे हे आज
झारखंडीक राज्य मे,
द्वितीय भाषा राज**
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*मैथिली भाषा भारत व नेपाल के कई भागों में मुख्य रूप से बोली जाती है। जहाँ भारत के बिहार व झारखण्ड राज्यों में यह दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, शिवहर, भागलपुर, मधेपुरा, अररिया, सुपौल, वैशाली, सहरसा, रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद और देवघर जिलों में बोली जाती है| वहीँ नेपाल के आठ जिलों में मैथिली भाषा फल फूल रही है। नेपाल के ये जिले हैं:— धनुषा, सिरहा, सुनसरी, सरलाही, सप्तरी, मोहतरी, मोरंग व रौतहट में भी खूब बोली जाती है। इसके अलावा बँगला, असमिया तथा ओड़िया भाषाओँ के साथ इसकी उत्पत्ति ‘मागधी’ प्राकृत से हुई है। अतः मैथिली कुछ अंशों में बंगला; तो कुछ अंशों में हिंदी भाषा के अधिक निकट है।
**वर्ष 2003 ई. में मैथिली भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित किया गया। तात्कालिन प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयीजी ने मैथिली भाषा को आठवीं अनुसूची में सम्मिलित करने की घोषणा सुपौल जिला के निर्मलीमे किए थे। भारत के झारखंड राज्य में इसे द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त है