Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Apr 2024 · 2 min read

“ मैथिल क जादुई तावीज़ “ (संस्मरण )

डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
====================
गाम गेल रहि ! यज्ञ -परोजन छल ! साढ़ू क बेटा क विवाह ,सारक बेटा क विवाह ,उपनयन आ मुड़नक गहमा गमही रहल ! दू वरखक बाद रमन -चमन देखबाक भेटल ! कोरोना मुँहेटा मे नहि मास्क लगेबेलक अपितु सब कार्य स्थगित भ गेल छल ! बुझू अतिचार लागल छल !
हमर सासुर क दुमंठा चौक बद्द रमनगर लगैत छैक ! इ मिनी मधुबनी भ गेल ! पानक दुकान ,चाय दुकान ,मोबाईल रेपाइरिंग सेंटर ,स्कूटर दुकान ,दवाई आ छोट सन सब दिन साँझू पहर हाट सहो लगैत अछि ! पोखरक भीर पर स्कूल क ग्राउन्ड अछि ! किछु न किछु एहि ग्राउन्ड पर होइत रहैत अछि !
डुगडुगी ,ढोल ,संगीत क मधुर ताल हमरो आकर्षित केलक ! लोक कहि रहल छल “ चलू चलू जादू भ रहल अछि !” किछु देर मे लोकक जुटान होमय लागल ! समीप पहुँचि पता लागल इ मनोरंजनक प्रक्रिया अछि ! जहन नीक मजमा लागि गेल तखन प्रारंभ भेल मजमा !
वो अपने स्त्री -पुरुष , एकटा 12 वरखक लड़का आ दू टा बंदर ! पहिने डुगडुगी बाजल ,संगीतक महफ़िल जमल आ मैथिली लोक गीत सँ सब केँ मंत्रमुग्ध क देलक ! संगीतक धून बंद भेल डुगडुगीक आवाज गुंजित होमय लागल ! पहिने किछु बंदरक खेल देखेलक ,किछु ताश क खेल आ किछु कलाबाजी ! तकर बाद अपन बच्चा केँ चदर ओढा सुता देलक ! डुगडुगी बजबैत बच्चा सँ पुछलक———
“ जंबूरे ?”
“जी सरकार !“
“ जे पूछबो से बतेभी ?”
“ जी सरकार !“
हँसी -मजाक मे बहुतो प्रश्न पुछल गेल ! मुदा जादूगर बद्द तेज छल ! ओकरा त अप्पन “ तावीज “ बेचबा क छल ! डुगडुगी बजबैत वो कहलक —-
“ सरकार , आहाँ लोकनिक समक्ष हम एहि बच्चा केँ गर्दनि काटब ! आहाँ लोकनि हिलब नहि “
ताबैत हम आहाँलोकनि केँ एक दिव्य उपहार द रहल छी !
“ एकटा अद्भुत तावीज़ क आविष्कार भेल अछि ! इ तावीज़ चारि तरह क अछि !
“ प्रथम –—अपन मातृभाषा मैथिली धाराप्रवाह बाजब “
“ द्वीतीय -अपन माटि -पानि सँ प्रेम जागत “
“ तृतीय—–भाषा -लिपिक ज्ञान क वृद्धि आ “
“ चतुर्थ —-अपन लोग सँ मैथिलीये मे वर्तलाभ करब “
फेर डुगडुगी बाजय लागल ! जादूगर पुनः स्पष्ट केलक !
“ धैर्य राखू ,धैर्य राखू ! जिनका चाहि हुनका भेटतनि ! एकर दाम नहि फ्री मे ल जाऊ !”
मारि होमय लागल हाथों हाथ सब लुटि लेलनि !………………………………………….
घरे बाटे कियो किछु बेचयवाला डुगडुगी बजबैत चलि जा रहल छल आ हमर स्वप्न एहिना टूटि गेल !
=======================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका,
झारखण्ड,
भारत

1 Like · 89 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* कुण्डलिया *
* कुण्डलिया *
surenderpal vaidya
हलधर फांसी, चढ़ना कैसे, बंद करें.??
हलधर फांसी, चढ़ना कैसे, बंद करें.??
पंकज परिंदा
प्यार
प्यार
Kanchan Khanna
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
Rekha khichi
*भरोसा हो तो*
*भरोसा हो तो*
नेताम आर सी
जिंदगी में कभी उदास मत होना दोस्त, पतझड़ के बाद बारिश ज़रूर आत
जिंदगी में कभी उदास मत होना दोस्त, पतझड़ के बाद बारिश ज़रूर आत
Pushpraj devhare
रहब यदि  संग मे हमर ,सफल हम शीघ्र भ जायब !
रहब यदि संग मे हमर ,सफल हम शीघ्र भ जायब !
DrLakshman Jha Parimal
कृषक की उपज
कृषक की उपज
Praveen Sain
Interest
Interest
Bidyadhar Mantry
कातिल है अंधेरा
कातिल है अंधेरा
Kshma Urmila
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
गुरु और गुरू में अंतर
गुरु और गुरू में अंतर
Subhash Singhai
मैं रात भर मैं बीमार थीऔर वो रातभर जागती रही
मैं रात भर मैं बीमार थीऔर वो रातभर जागती रही
Dr Manju Saini
"तलबगार"
Dr. Kishan tandon kranti
*जीवन में जो सोचा सब कुछ, कब पूरा होता है (हिंदी गजल)*
*जीवन में जो सोचा सब कुछ, कब पूरा होता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
आर.एस. 'प्रीतम'
*
*"मुस्कराहट"*
Shashi kala vyas
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जताने लगते हो
जताने लगते हो
Pratibha Pandey
किसी की राह के पत्थर को, गर कोई हटाता है
किसी की राह के पत्थर को, गर कोई हटाता है
gurudeenverma198
3250.*पूर्णिका*
3250.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गैरों से जायदा इंसान ,
गैरों से जायदा इंसान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
..
..
*प्रणय प्रभात*
ज़िंदगी में कामयाबी ज़रूर मिलती है ,मगर जब आप सत्य राह चुने
ज़िंदगी में कामयाबी ज़रूर मिलती है ,मगर जब आप सत्य राह चुने
Neelofar Khan
दर जो आली-मकाम होता है
दर जो आली-मकाम होता है
Anis Shah
╬  लड़के भी सब कुछ होते हैं   ╬
╬ लड़के भी सब कुछ होते हैं ╬
पूर्वार्थ
राधा कृष्ण होली भजन
राधा कृष्ण होली भजन
Khaimsingh Saini
प्रकृति
प्रकृति
Seema Garg
डर, साहस, प्रेरणा,कामुकता,लालच,हिंसा,बेइमानी इत्यादि भावनात्
डर, साहस, प्रेरणा,कामुकता,लालच,हिंसा,बेइमानी इत्यादि भावनात्
Rj Anand Prajapati
சிந்தனை
சிந்தனை
Shyam Sundar Subramanian
Loading...