** मैं **
** मैं **
उड़ना भले नहीं आता
मंजील की चाह
ख़्वाबों की उड़ान मेरी
तैरना भले नहीं आता
भाई कहता
बातों की जहाज मेरी
लिखना भले नहीं आता
सीखने को तैयार मैं
न खगगोश न कछुआ
फिर भी दौड़ का हिस्सा मैं
माना तुम हवाई जहाज
हाँ बैलगाड़ी ही सही मैं
उड़ना भले नही आता
हूँ अब उड़ने को तैयार मैं
मंजिल मिले न मिले
एक खूबसूरत मोड़ देने को तैयार मैं
गिरने उठने सीखने को तैयार मैं
~ कुmari कोmal