Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2017 · 1 min read

मैं हिन्दी हूँ । (हिन्दी दिवस पर)

मैं हिन्दी हूँ,
भारत की राजभाषा ।
सात दशक से खड़ी,
लेकर मन में एक अभिलाषा।
राष्ट्रभाषा का सपना,
पूरा होगा एक दिन ।
स्वतंत्रता की प्राप्ति,
पूरी नहीं मातृभाषा बिन ।
विदेशी शासन काल में,
तिरस्कार हुआ था भारी ।
पर अपने ही शासक अब,
फिरभी क्या है लाचारी ।
स्वाधीनता महा समर मे,
मैने भी बलिदान दिया है ।
प्रॉतवाद की तोड़ी सीमा,
पूरे भारत को साथ किया है ।
नेताजी,टैगोर,शास्त्री हो,
चाहे हो गॉधी,जवाहर लाल ।
राष्ट्र भाषा हिन्दी ही हो,
ऐसा था सबका ख्याल ।
पर कुत्सिक मानसिकता वालो ने,
ग्यान-उन्नति में बाधक पाया ।
अपने स्वार्थ सिद्ध करने,
संविधान अंग्रेजी में लिखवाया।
स्वदेश और स्वभाषा का,
जिनके मन मे स्वाभिमान नहीं ।
कहने भर को अपने है वे,
हिन्दुस्तानी होने का अधिकार नही ।
टूटी उम्मीदो को ढ़ॉढ़स देने,
अटल जी ,गुणगान किया ।
राष्ट्रसंघ की भरी सभा मे,
हिन्दी का जय जय कार किया ।
देखों, उन देशो को भी,
आजाद तुम्हारे साथ हुये।
अपनी अपनी मातृभाषा को,
अपनाकर प्रथम स्थान दिये।
क्या?पिछड गये वो आज,
अपने ग्यान और विग्यान मे ।
अरे!उन्हें सम्मान मिला है,
विकसितता के परिणाम में ।
जब भारत का सेवक ही बोले,
भाषा कोई विदेशी ।
झलक पड़ें अॉखों से अॉसू,
लगता ज़्यो हो परदेशी ।
बदलो, अपनी सोच,
मानसिक दासता छोडो़ ।
मातृभाषा को लो साथ,
बढ़ो, दुनिया को पीछे छोडो ।

राजेश कौरव सुमित्र

Language: Hindi
1 Like · 531 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajesh Kumar Kaurav
View all
You may also like:
काला न्याय
काला न्याय
Anil chobisa
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रार्थना
प्रार्थना
Shally Vij
शबे दर्द जाती नही।
शबे दर्द जाती नही।
Taj Mohammad
भारत सनातन का देश है।
भारत सनातन का देश है।
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
हे विश्वनाथ महाराज, तुम सुन लो अरज हमारी
हे विश्वनाथ महाराज, तुम सुन लो अरज हमारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तजो आलस तजो निद्रा, रखो मन भावमय चेतन।
तजो आलस तजो निद्रा, रखो मन भावमय चेतन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
3112.*पूर्णिका*
3112.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मास्टरजी ज्ञानों का दाता
मास्टरजी ज्ञानों का दाता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"आज और अब"
Dr. Kishan tandon kranti
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
संघर्ष हमारा जीतेगा,
संघर्ष हमारा जीतेगा,
Shweta Soni
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
सत्य कुमार प्रेमी
(22) एक आंसू , एक हँसी !
(22) एक आंसू , एक हँसी !
Kishore Nigam
मौत से बढकर अगर कुछ है तो वह जिलद भरी जिंदगी है ll
मौत से बढकर अगर कुछ है तो वह जिलद भरी जिंदगी है ll
Ranjeet kumar patre
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
उदासी एक ऐसा जहर है,
उदासी एक ऐसा जहर है,
लक्ष्मी सिंह
हम सृजन के पथ चलेंगे
हम सृजन के पथ चलेंगे
Mohan Pandey
* याद कर लें *
* याद कर लें *
surenderpal vaidya
Don't Give Up..
Don't Give Up..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हर सुबह उठकर अपने सपनों का पीछा करना ही हमारा वास्तविक प्रेम
हर सुबह उठकर अपने सपनों का पीछा करना ही हमारा वास्तविक प्रेम
Shubham Pandey (S P)
जुदाई
जुदाई
Dr. Seema Varma
"वृद्धाश्रम"
Radhakishan R. Mundhra
खुद का वजूद मिटाना पड़ता है
खुद का वजूद मिटाना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
Anand Kumar
बेइंतहा सब्र बक्शा है
बेइंतहा सब्र बक्शा है
Dheerja Sharma
हास्य-व्यंग्य सम्राट परसाई
हास्य-व्यंग्य सम्राट परसाई
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
वो नौजवान राष्ट्रधर्म के लिए अड़ा रहा !
वो नौजवान राष्ट्रधर्म के लिए अड़ा रहा !
जगदीश शर्मा सहज
मैं इस कदर हो गया हूँ पागल,तेरे प्यार में ।
मैं इस कदर हो गया हूँ पागल,तेरे प्यार में ।
Dr. Man Mohan Krishna
सपनों को अपनी सांसों में रखो
सपनों को अपनी सांसों में रखो
Ms.Ankit Halke jha
Loading...