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16 May 2023 · 1 min read

मैं स्वप्न भी हूँ, मैं साकार भी हूँ

मैं ख़्याब भी हूँ
मैं हकीक़त भी हूँ
मैं ख़्याल भी हूँ
मैं उल्फ़त भी हूँ
मैं बेपरवाह हूँ
मैं शिद्दत भी हूँ
मैं नफ़रत भी हूँ
मैं चाहत भी हूँ।

मैं मियारी भी हूँ
मैं भीतरी भी हूँ
मैं तहेदिल भी हूँ
मैं हलचल भी हूँ
मैं बयार भी हूँ
मैं पत्थर भी हूँ
मैं ठहरा भी हूँ
मैं रवाँ भी हूँ
मैं तन्हा भी हूँ
मैं कारवाँ भी हूँ
मैं खोया भी हूँ
मैं पाया भी हूँ
मैं स्मृति भी हूँ
मैं विस्मृत भी हूँ।

मैं ख़ोह भी हूँ
मैं भरपूर भी हूँ
मैं रिक्ति भी हूँ
मैं समृद्धि भी हूँ
मैं भटका भी हूँ
मैं रास्ता भी हूँ
मैं उलझा भी हूँ
मैं सुलझा भी हूँ
मैं जठराग्नि भी हूँ
मैं आहार भी हूँ
मैं स्वप्न भी हूँ
मैं साकार भी हूँ
मैं निराकार भी हूँ
मैं आकार भी हूँ।

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