मैं विद्रोह करुँगा…
ऊब गया हूँ, मैं
एक ही लीक पर चलकर
छोड़ना चाहता हूँ
तोड़ना चाहता हूँ, इन्हे
कि नियन्ता आज के
अनुमति ना दे रहे
डर है उन्हे
कहीं टूट ना जायें, दीवार
उनके अभिमान से बनी ईटों की
वे अनुमति ना दे रहे
और मैं पीछे हटूँगा नहीं..
मैं विद्रोह करुँगा !!!