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9 Oct 2023 · 1 min read

मैं लिखता हूं..✍️

मैं लिखता हूँ…

तुम लिखो रूप सौंदर्य और मैं खून पसीना लिखता हूं,
तुम पढ़ो सुखों का जीवन मैं माटी में जीना लिखता हूं,
तुम श्रृंगारों के वर्णन पर अपनी तरुणाई को बांचो,
तुम रूप लिखो, लावण्य लिखो, मैं लहू पिरोना लिखता हूं…।

तुम नयन लिखो, तुम अधर लिखो, और अधरों की मुस्कान लिखो,
लिख डालो प्रियतम का चरित्र उस पर जो वारे प्राण लिखो,
तुम विरह-वेदना लिख डालो, मैं पत्थर ढोना लिखता हूं,
तुम लिखो प्रियतमों की बातें, मैं खेत का कोना लिखता हूं…।

तुम लिखो रूप सौंदर्य और मैं खून पसीना लिखता हूं,
तुम पढ़ो सुखों का जीवन मैं माटी में जीना लिखता हूं…..

✍️

Language: Hindi
4 Likes · 292 Views

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