Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Dec 2016 · 1 min read

मैं लिखता हूँ तुम्हारी खातिर,

मैं लिखता हूँ तुम्हारी खातिर,
तुम जान हो मेरी,
मैं शायर हूँ तो क्या,
तुम पहचान हो मेरी,
सहर तुम्हारी याद से होती है,
तुम ही शाम हो मेरी,
तुमसे मुलाकात हो तो कोई प्यास नही होती,
तुम जान हो मेरी,
“साहिब” कोई लूट ना जाए हुमको,
तुम ही आन हो मेरी,

Language: Hindi
268 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेगुनाही की सज़ा
बेगुनाही की सज़ा
Shekhar Chandra Mitra
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
Priya princess panwar
तारो की चमक ही चाँद की खूबसूरती बढ़ाती है,
तारो की चमक ही चाँद की खूबसूरती बढ़ाती है,
Ranjeet kumar patre
कान्हा तेरी नगरी
कान्हा तेरी नगरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
माता रानी की भेंट
माता रानी की भेंट
umesh mehra
"जस्टिस"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा सुकून
मेरा सुकून
Umesh Kumar Sharma
#कविता-
#कविता-
*Author प्रणय प्रभात*
उल्फत के हर वर्क पर,
उल्फत के हर वर्क पर,
sushil sarna
परछाई (कविता)
परछाई (कविता)
Indu Singh
गजल सी रचना
गजल सी रचना
Kanchan Khanna
जिंदगी सभी के लिए एक खुली रंगीन किताब है
जिंदगी सभी के लिए एक खुली रंगीन किताब है
Rituraj shivem verma
एक बंदर
एक बंदर
Harish Chandra Pande
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
3118.*पूर्णिका*
3118.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
The steps of our life is like a cup of tea ,
The steps of our life is like a cup of tea ,
Sakshi Tripathi
दलदल
दलदल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कर दिया समर्पण सब कुछ तुम्हे प्रिय
कर दिया समर्पण सब कुछ तुम्हे प्रिय
Ram Krishan Rastogi
तंग जिंदगी
तंग जिंदगी
लक्ष्मी सिंह
खतरनाक आदमी / मुसाफ़िर बैठा
खतरनाक आदमी / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
सत्य कुमार प्रेमी
धर्म की खूंटी
धर्म की खूंटी
मनोज कर्ण
जब मित्र बने हो यहाँ तो सब लोगों से खुलके जुड़ना सीख लो
जब मित्र बने हो यहाँ तो सब लोगों से खुलके जुड़ना सीख लो
DrLakshman Jha Parimal
जब भी किसी संस्था में समर्पित व्यक्ति को झूठ और छल के हथियार
जब भी किसी संस्था में समर्पित व्यक्ति को झूठ और छल के हथियार
Sanjay ' शून्य'
*चेतना-परक कुछ दोहे*
*चेतना-परक कुछ दोहे*
Ravi Prakash
"New year की बधाई "
Yogendra Chaturwedi
उड़ने का हुनर आया जब हमें गुमां न था, हिस्से में परिंदों के
उड़ने का हुनर आया जब हमें गुमां न था, हिस्से में परिंदों के
Vishal babu (vishu)
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जानें क्युँ अधूरी सी लगती है जिंदगी.
जानें क्युँ अधूरी सी लगती है जिंदगी.
शेखर सिंह
भारत का सिपाही
भारत का सिपाही
आनन्द मिश्र
Loading...