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29 May 2024 · 1 min read

मैं रीत लिख रहा हूँ

तुम प्यार लिख रहे हो, मैं गीत लिख रहा हूँ।
जग का सार लिख रहे हो, मैं रीत लिख रहा हूँ।

तुम्हें दर्द ने है मारा, मुझे प्यार ने संभाला,
तुम हार लिख रहे हो, मैं जीत लिख रहा हूँ।

दुनिया ने जो दिया है, सपनों में जो जिया है,
तुम दर्द लिख रहे हो, मैं प्रीत लिख रहा हूँ।

तेरे दिल का ये सितम है, तेरे साथ ही जिया है,
तुम दिल लिख रहे हो, मैं मनमीत लिख रहा हूँ।

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