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8 Dec 2016 · 1 min read

मैं, मेरी तन्हाई और उसकी याद

हर धड़कन से पहले, हर साँस के बाद,
मैं, मेरी तन्हाई और उसकी याद।

मैंने तो निभाईं सारी, रस्में उसके साथ,
जाने क्यूँ जुदाई की रस्म, उसने की ईजाद।
मैं, मेरी तन्हाई…..

जीवन भर मिलती रही, खुशियों की सौगात,
उससे दूर होने का पर, मिटा नहीं अवसाद।
मैं, मेरी तन्हाई…..

साँसें लड़खड़ाती रहीं, पर छोड़ा नहीं साथ,
टूटती लड़ी को फिर फिर, जोड़ जाती उसकी याद।
मैं, मेरी तन्हाई…..

एक अरसे तक चलती रहीं धड़कनें, आखिर थम गयीं,
शायद उस तक पहुंची नहीं मेरी फ़रियाद।
मैं, मेरी तन्हाई…..

उम्र भर उसकी राह, तकती रहीं नज़रें,
हाँ वो लौटी, पर साँसें छूटने के बाद।
मैं, मेरी तन्हाई…..

बेशक साँसें खत्म हुईं, मिला न उसका साथ,
दिल में फिर भी प्यार की, हिली नहीं बुनियाद।
मैं, मेरी तन्हाई…..

————-शैंकी भाटिया
7 दिसम्बर, 2016

Language: Hindi
447 Views
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