Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2017 · 1 min read

मैं माँ हूँ

मैं माँ हूँ

मैं माँ हूँ
माँ का दर्द समझती हूँ
कब मुस्कुराती कब रोती
हर पीड़ा समझती हूँ

आज जो बेटी है
कल उसको माँ बनना है
अकाट्य सत्य वो जानती है
जो सीखा माँ से उसने
कैसे आगे बढ़ाना है

सौम्यता की पहचान
सरलता की मूर्ति माँ है
वह जगति जननि
हर पुरूष की आन है

कोशिश हो पुरूष वर्ग की
जिसको माँ कहते हो
मान भंग उसका न होने पाये
यहीं सीख तुझे माँ शक्ति
आज दुआ में देती है

माँ की आँखों में आया
यदि एक आँसू भी
तो समझ लो पतन अब
दूर नहीं निश्चय ही जान लो

Language: Hindi
74 Likes · 339 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
"बीमारी और इलाज"
Dr. Kishan tandon kranti
हमने ख्वाबों
हमने ख्वाबों
हिमांशु Kulshrestha
सदियों से जो संघर्ष हुआ अनवरत आज वह रंग लाई।
सदियों से जो संघर्ष हुआ अनवरत आज वह रंग लाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ग्रंथ
ग्रंथ
Tarkeshwari 'sudhi'
प्राकृतिक जब ठहर जाती है।
प्राकृतिक जब ठहर जाती है।
Rj Anand Prajapati
हँसकर गुजारी
हँसकर गुजारी
Bodhisatva kastooriya
Waiting for vibes and auras to match with the destined one.
Waiting for vibes and auras to match with the destined one.
Chaahat
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
आर.एस. 'प्रीतम'
उफ़  ये लम्हा चाय का ख्यालों में तुम हो सामने
उफ़ ये लम्हा चाय का ख्यालों में तुम हो सामने
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
यह गलतफहमी कभी नहीं पालता कि,
यह गलतफहमी कभी नहीं पालता कि,
Jogendar singh
🙅सीधी-बात🙅
🙅सीधी-बात🙅
*प्रणय*
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
शेखर सिंह
4625.*पूर्णिका*
4625.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
धूल के फूल
धूल के फूल
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
తేదీ
తేదీ
Otteri Selvakumar
ग्रीष्म
ग्रीष्म
Kumud Srivastava
I met Myself!
I met Myself!
कविता झा ‘गीत’
कांतिपति की कुंडलियां
कांतिपति की कुंडलियां
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
सुना है नींदे चुराते हैं वो ख्वाब में आकर।
सुना है नींदे चुराते हैं वो ख्वाब में आकर।
Phool gufran
आगमन उस परलोक से भी
आगमन उस परलोक से भी
©️ दामिनी नारायण सिंह
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
हाजीपुर
बंधन में रहेंगे तो संवर जायेंगे
बंधन में रहेंगे तो संवर जायेंगे
Dheerja Sharma
देह से विलग भी
देह से विलग भी
Dr fauzia Naseem shad
मुक्ता सी बौछार के, दिलकश होते  रंग ।
मुक्ता सी बौछार के, दिलकश होते रंग ।
sushil sarna
फूल और तुम
फूल और तुम
Sidhant Sharma
रामपुर में दंत चिकित्सा की आधी सदी के पर्याय डॉ. एच. एस. सक्सेना : एक मुलाकात
रामपुर में दंत चिकित्सा की आधी सदी के पर्याय डॉ. एच. एस. सक्सेना : एक मुलाकात
Ravi Prakash
कर्म
कर्म
Dhirendra Singh
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
gurudeenverma198
|| तेवरी ||
|| तेवरी ||
कवि रमेशराज
आडम्बरी पाखंड
आडम्बरी पाखंड
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
Loading...