मैं भूल जाता तुझको
मैं भूल जाता तुझको
गर मुझमे इस कदर तू समाई न होती।
तेरी तस्वीर सीने में मैने लगाई न होती।
मैंने सच मे मोहब्बत निभाई न होती ।
मैं भूल जाता तुझको
गर तेरी खुशियो के लिए मैने अपनी
खुशियाँ जलाई न होती
मैं भूल जाता तुझको
मैं तेरे हु लिए तू मेरे लिए है,
एक पल भी बजूद मेरा बिन तेरे नही है,
मैं भूल जाता तुझको
अगर ये बात तूने मुझको बताई न होती
तू तो कहती थी
तू न कभी बदल पाएगी
तू मुझसे कभी दूर न जा पाएगी
मेरे लिए घर परिवार से लड़ जाएगी
मौत आयी तो यमराज से लड़ जाएगी
मैं भूल जाता तुझको
अगर बात कभी ऐसी आई न होती।
तूने ऐसे हालात में छोड़ा मुझको
बिखरने के बाद भी तोड़ा मुझको
मेरे विस्वास को पागलपन का नाम दिया
मुझे हराकर मेरे प्यार को बदनाम किया
मैं तड़पता रहा तुझसे जब एक बार मिलने को
अपनी गलती और खता मालूम करने को
मैं भूल जाता तुझको
तूने अपने बंद दरवाजे किये सब न होते
मैं भूल जाता तुझको……………
है याद मुझको तू एक बार मिलने आए थी
जज्बात का झूठा चोला पहनकर आई थी
मेरी हालत पर तु फूट फूट कर रोई थी
मैं भी नादां था जो तेरी बातो में आया था
तुझसे एक बार फिर दिल लगाया था
मैं भूल जाता तुझको……………
गर तू पीठ पीछे मेरे जख्मो पर मुस्काई न होती।
मैं भूल जाता तुझको..
मैं भूल जाता तुझको
गर मुझमे इस कदर तू समाई न होती।