मैं भी बेरोजगार
मैं भी बेरोजगार का गीत गाया करता हूं
घर बैठे इसे खूब गुनगुनाया करता हूँ
कोई पूछे तो सरकार की कमियां बताया करता हूँ
अपनी कमियों पर अक्सर चुप हो जाया करता हूँ
नौकरी मिले कोई तो कमियाँ बताया करता हूँ
पर कोई स्कील मैं तो नहीँ अपनाया करता हूँ
नौकरी हो मेरी मनमर्जी ऐसा चाहा करता हूँ
इसी चक्कर मे मैं समय को जाया करता हूँ
मैं भी बेरोजगार का नारा लगाया करता हूँ
आत्मनिर्भर का सपना ठुकराया करता हूँ
स्वरोजगार के रास्ते मैं ना जाया करता हूँ
बेरोजगारी का नारा बुलंद लगाया करता हूँ
✍️✍️मृत्युंजय कुमार, दिल्ली