Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2024 · 1 min read

मैं भी डरती हूॅं

हां ! सच कहती हूॅं
सच में मैं भी डरती हूॅं ,

मेरे स्वभाव पर मत जाना
मेरे रूआब पर मत जाना ,

सबके पास नहीं आती हूॅं
सबके पास नहीं जाती हूॅं ,

क्योंकि मुझे भी डर लगता है
ये ‘ मेरा मैं ‘ मुझसे कहता है ,

अपनों के झूठ से डरती हूॅं
अपनों के फरेब से डरती हूॅं ,

उनके अज़ीज़ बनने से डरती हूॅं
उनके अजनबी बनने से डरती हूॅं ,

उनके प्यार से डरती हूॅं
उनके तकरार से डरती हूॅं ,

उनके मेकअप से डरती हूॅं
उनके आवरण से डरती हूॅं ,

उनके ज्यादा मीठे से डरती हूॅं
उनके ज्यादा तीखे से डरती हूॅं ,

सच्चे अपनों का सामना कर सकती हूॅं
लेकिन अपनों के छिपे वार से डरती हूॅं ,

इतनी तेज़ और बहादुर मैं
अपनों की हर चाल से डरती हूॅं ,

हां ! सच कहती हूॅं
सच में मैं भी डरती हूॅं ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा )

1 Like · 129 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all
You may also like:
उल्लू नहीं है पब्लिक जो तुम उल्लू बनाते हो, बोल-बोल कर अपना खिल्ली उड़ाते हो।
उल्लू नहीं है पब्लिक जो तुम उल्लू बनाते हो, बोल-बोल कर अपना खिल्ली उड़ाते हो।
Anand Kumar
रगणाश्रित : गुणांक सवैया
रगणाश्रित : गुणांक सवैया
Sushila joshi
मन
मन
मनोज कर्ण
"घमंड के प्रतीक पुतले के जलने की सार्थकता तब तक नहीं, जब तक
*प्रणय*
किरणों का कोई रंग नहीं होता
किरणों का कोई रंग नहीं होता
Atul "Krishn"
सांस
सांस
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मैं मासूम
मैं मासूम "परिंदा" हूँ..!!
पंकज परिंदा
ताल-तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान,
ताल-तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अश्रु (नील पदम् के दोहे)
अश्रु (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
Ranjeet kumar patre
"रिश्तों में चतुराई"
Yogendra Chaturwedi
कैसा होगा मेरा भविष्य मत पूछो यह मुझसे
कैसा होगा मेरा भविष्य मत पूछो यह मुझसे
gurudeenverma198
Sometimes even after finishing the chapter and bidding it a
Sometimes even after finishing the chapter and bidding it a
Chaahat
कुण्डलिया छंद
कुण्डलिया छंद
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
4799.*पूर्णिका*
4799.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ
माँ
Dr Archana Gupta
परत दर परत
परत दर परत
Juhi Grover
ये ताज़गी ये तबस्सुम और ये ज़िन्दगी
ये ताज़गी ये तबस्सुम और ये ज़िन्दगी
इशरत हिदायत ख़ान
हर रिश्ता
हर रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
लिखने के आयाम बहुत हैं
लिखने के आयाम बहुत हैं
Shweta Soni
*कविवर रमेश कुमार जैन*
*कविवर रमेश कुमार जैन*
Ravi Prakash
इन दरख्तों को ना उखाड़ो
इन दरख्तों को ना उखाड़ो
VINOD CHAUHAN
" मालिक "
Dr. Kishan tandon kranti
#'सजल' एक जीवन परिचय
#'सजल' एक जीवन परिचय
Radheshyam Khatik
कत्ल खुलेआम
कत्ल खुलेआम
Diwakar Mahto
माँ-बाप का किया सब भूल गए
माँ-बाप का किया सब भूल गए
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
3. कुपमंडक
3. कुपमंडक
Rajeev Dutta
मुक्तक
मुक्तक
surenderpal vaidya
बचाओं नीर
बचाओं नीर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...