Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Nov 2021 · 1 min read

मैं भारत हूँ–3

: जटा बढ़ाए बंजारा मन
ढूढ़ रहा नित ठौर..!!
इकतारा बजता टुनटुन
मैं भारत हूँ।

अतीत के स्वर्णिम पन्नों में
बिखरी पुरा संपदा
करती गौरव गान मैं भारत हूँ।

ललित कलाएं,शिल्प कलायें
उँचे घर ,महल मंदिर बनायें
लहराये ध्वजा की शान
मैं भारत हूँ

माझी की सुन तान मगन मन डोले
चलती पुरवैया भी तो हौले हौले
सहला जाती मंद बयार
मैं भारत हूँ ।
पाखी

Language: Hindi
1 Like · 478 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*सपनों का बादल*
*सपनों का बादल*
Poonam Matia
जिंदगी
जिंदगी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
सच्चाई का रास्ता
सच्चाई का रास्ता
Sunil Maheshwari
*दृष्टि में बस गई, कैकई-मंथरा (हिंदी गजल)*
*दृष्टि में बस गई, कैकई-मंथरा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बेशक मां बाप हर ख़्वाहिश करते हैं
बेशक मां बाप हर ख़्वाहिश करते हैं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उलझनें
उलझनें
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
2825. *पूर्णिका*
2825. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पर्वत को आसमान छूने के लिए
पर्वत को आसमान छूने के लिए
उमेश बैरवा
Starting it is not the problem, finishing it is the real thi
Starting it is not the problem, finishing it is the real thi
पूर्वार्थ
पल परिवर्तन
पल परिवर्तन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
ruby kumari
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
यादें
यादें
Dipak Kumar "Girja"
' नये कदम विश्वास के '
' नये कदम विश्वास के '
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
एहसासे- नमी (कविता)
एहसासे- नमी (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
विष बो रहे समाज में सरेआम
विष बो रहे समाज में सरेआम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
बड़ी कथाएँ ( लघुकथा संग्रह) समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
उम्मीद से अधिक मिलना भी आदमी में घमंड का भाव पैदा करता है !
उम्मीद से अधिक मिलना भी आदमी में घमंड का भाव पैदा करता है !
Babli Jha
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जिंदगी देने वाली माँ
जिंदगी देने वाली माँ
shabina. Naaz
कर्बला की मिट्टी
कर्बला की मिट्टी
Paras Nath Jha
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय प्रभात*
राक्षसी कृत्य - दीपक नीलपदम्
राक्षसी कृत्य - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
आप हमें याद आ गएँ नई ग़ज़ल लेखक विनीत सिंह शायर
आप हमें याद आ गएँ नई ग़ज़ल लेखक विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
"शिक्षक"
Dr. Kishan tandon kranti
ख़्याल
ख़्याल
Dr. Seema Varma
तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है
तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है
VINOD CHAUHAN
सजाता कौन
सजाता कौन
surenderpal vaidya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
Harminder Kaur
Loading...