Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jul 2024 · 1 min read

मैं भारत की बेटी…

मेरी कलम से…
आनन्द कुमार

कुछ इस तरह से,
बचपन निहारती हूं मैं
फटेहाल सी जिन्दगी,
जीने को विवश हूं मैं,
अपना तो रोज का,
काम है आना जाना,
दूर तलक से,
पीने को पानी लाना,
शीशें में देख कर,
इठराना और मुस्कुराना,
शीशे के अंदर से,
मुस्कुरातें चेहरों को देख,
भारत कितना सुन्दर है,
यह कल्पना कर जाना ?
कुछ इस तरह से,
बचपन निहारती हूं मैं ?

तस्वीर देश की धर्म नगरी काशी का वाराणसी सिटी रेलवे स्टेशन का है जो 09 वर्ष पुराना है ।

44 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कि  इतनी भीड़ है कि मैं बहुत अकेली हूं ,
कि इतनी भीड़ है कि मैं बहुत अकेली हूं ,
Mamta Rawat
# TRUE THING
# TRUE THING
DrLakshman Jha Parimal
अतीत
अतीत
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
नमन उन वीर को दिल से,
नमन उन वीर को दिल से,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
जो बीत गयी सो बीत गई जीवन मे एक सितारा था
जो बीत गयी सो बीत गई जीवन मे एक सितारा था
Rituraj shivem verma
दामन जिंदगी का थामे
दामन जिंदगी का थामे
Chitra Bisht
हररोज लिखना चाहती हूँ ,
हररोज लिखना चाहती हूँ ,
Manisha Wandhare
युवा मन❤️‍🔥🤵
युवा मन❤️‍🔥🤵
डॉ० रोहित कौशिक
जीवन का एक चरण
जीवन का एक चरण
पूर्वार्थ
3877.💐 *पूर्णिका* 💐
3877.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*मर्यादा*
*मर्यादा*
Harminder Kaur
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
सत्य कुमार प्रेमी
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
घायल मन पुकारता तुम्हें, परमात्मा, कैसे करूं तेरी आराधना, सज
घायल मन पुकारता तुम्हें, परमात्मा, कैसे करूं तेरी आराधना, सज
Dr.sima
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें।
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें।
निकेश कुमार ठाकुर
गर तुम मिलने आओ तो तारो की छाँव ले आऊ।
गर तुम मिलने आओ तो तारो की छाँव ले आऊ।
Ashwini sharma
"अकेले रहना"
Dr. Kishan tandon kranti
फसल
फसल
Bodhisatva kastooriya
*बुंदेली दोहा-चिनार-पहचान*
*बुंदेली दोहा-चिनार-पहचान*
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
"दुखद यादों की पोटली बनाने से किसका भला है
शेखर सिंह
इश्क़ का माया जाल बिछा रही है ये दुनिया,
इश्क़ का माया जाल बिछा रही है ये दुनिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नए साल की नई सुबह पर,
नए साल की नई सुबह पर,
Anamika Singh
भीड़ से आप
भीड़ से आप
Dr fauzia Naseem shad
मौन के प्रतिमान
मौन के प्रतिमान
Davina Amar Thakral
विषधर
विषधर
आनन्द मिश्र
*आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)*
*आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
सावन
सावन
Dr Archana Gupta
ईश्वर ने हमें सुख दिया है, दुःख हम स्वयं निर्माण कर रहे हैं।
ईश्वर ने हमें सुख दिया है, दुःख हम स्वयं निर्माण कर रहे हैं।
Ravikesh Jha
😊प्रभात-संदेश😊
😊प्रभात-संदेश😊
*प्रणय*
Loading...