मैं फौजी सह हूँ एक कवि
मैं फौजी सह हूँ एक कवि जो
सही गलत सब कह जाता हूँ
सच को सच कहने से न डरता
बस बातें गलत न सह पाता हूँ
मैं कविताओ में हँसी प्रेम सुनाता
कभी इस देश की व्यथा बताता
पर चाटुकरता भरे शव्दों को गढ़
न राजनीति कभी कहीं गा पाता
अच्छा हो या बुरा यथार्थ हमेशा
बस आईना सबको दिखाता हूँ
मैं फौजी सह हूँ एक कवि जो
सही गलत सब कह जाता हूँ
जब कभी मार्मिक परिस्थिति में
भारत की बिटिया रानी रहती है
जब कहीं माँ आँचल को समेटे
ममतामयी स्वरूप में दिखती है
दर्द उसकी तब दिल में लेकर
इन आँसूओं से चित्र बनाता हूँ
मैं फौजी सह हूँ एक कवि जो
सही गलत सब कह जाता हूँ
कभी किसान कि दयनीय दशा
कभी किसी जवान कि मजबूरी
कभी धार्मिक उन्मादों में पलते
निर्लज़्ज़ कायरों की खानापूरी
कर वाणी से भरसक कोशिश
बहरे शासक तक पहुँचाता हूँ
मैं फौजी सह हूँ एक कवि जो
सही गलत सब कह जाता हूँ
©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप”
(सर्वाधिकार सुरक्षित १२/०२/२०२१)