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3 Nov 2021 · 1 min read

मैं पीड़ा का

मैं पीड़ा का पागल प्रेमी, तुम सुख की युवरानी हो
कथ्य-कथानक अलग-अलग हैं कैसे प्रेम-कहानी हो

मैं पतझड़ का सूखा पत्ता
तुम वसन्त की डाली
मैं पलकों पर रात बिताऊँ
तुम सपनों की लाली

कैसे चहके भोर हमारी कैसे शाम सुहानी हो
कथ्य-कथानक अलग-अलग हैं कैसे प्रेम-कहानी हो

मैं द्वारे पर पीर और
आँसू से रचूं रंगोली
तुम नयनों में मधुशाला
लेकर फिरती हो भोली

मदिर नयन से जैसे छलके मदिरा कोई पुरानी हो
कथ्य-कथानक अलग-अलग हैं कैसे प्रेम-कहानी हो

मेरे मन की टूटी कुटिया
टप-टप टपके पानी
तुम जीवन के ऊंच-नीच
सुख-दुःख से हो अनजानी

तुम ‘असीम’ ऊपर वाले के हाथों गढ़ी निशानी हो
कथ्य-कथानक अलग-अलग हैं कैसे प्रेम-कहानी हो

© शैलेन्द्र ‘असीम’

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 249 Views

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