मैं नाटकबाज मैं नाटकबाज l
मैं नाटकबाज मैं नाटकबाज l
जीवन हराने ना आऊँ बाज ll
मैं नाटकबाज मैं नाटकबाज l
भरपूर कोशिश, मांगूं बख्शीश l
सत्य करूं पेश, पहना के ताज ll
मेरी हर चाल, मेरा हर दाव l
रहस्यमयी ओ राजों का राज ll
मैं नाटकबाज मैं नाटकबाज l
भीतर गम्भीर, सहज हंसाऊ
सहज कर्तव्य ओ सहज कामकाज ll
सहज सँभालूँ और सहज सँभलूँ
प्यास दूर दूर, ना है सरताज l
मैं नाटकबाज मैं नाटकबाज l
अरविन्द व्यास “प्यास”