मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
दूरियाँ ही रहीं, जाने क्यों फ़ितरतन
काश! ऐ अजनबी, फिर मिलें हम कहीं
हाय! क्यों हो गया, आपका दफ़’अतन
– महावीर उत्तरांचली
मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
दूरियाँ ही रहीं, जाने क्यों फ़ितरतन
काश! ऐ अजनबी, फिर मिलें हम कहीं
हाय! क्यों हो गया, आपका दफ़’अतन
– महावीर उत्तरांचली