मैं नया साल हूँ
मैं नया साल हूँ
************
नई-नई बातें,सपने सजाने चला हूँ।
मैं नया साल हूँ,गले लगाने चला हूँ।
मुस्क़रा मुझे,आईलवयू कहो दोस्तों!
इश्क़ में तुमपर ,सब लुटाने चला हूँ।।
सारे अरमान मैं, पूरे करूँगा तुम्हारे।
जन्नते-महफ़िल,देखो सजाने चला हूँ।।
झोली में फूल,सीने में ख़ूशबू भर दूँगा।
प्यार का चमन,यारो खिलाने चला हूँ।।
आँख का मोती,दिल का सपना न टूटे।
हौंसलों की वो,सौगात लाने चला हूँ।।
प्यार और जंग में,सब जायज़ सुना है।
इश्क़बाजी वो,तुमको सिखाने चला हूँ।।
थकूँगा नहीं मैं,न तुम्हें ही थकने दूँगा।
ग़मों का निशान,यारो मिटाने चला हूँ।
प्रीतम सिला तो,मिलेगा प्रीत का यार।
दिलसे किसी को,अगर रीझाने चला हूँ।।
राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
***********************