मैं नन्ही चिड़िया
मै नन्हीं चिड़िया
मैं भारत की नन्ही चिड़िया,
मटक मटक इतराऊंगी।
उड़ कर अपने कोमल परों पर,
दूर देश हो आऊंगी ।
बैठकर ऊंची टहनी पर,
मैं मधुर राग सुनाऊंगी।
बैर -भाव न किसी से करके,
सबका मन हर्षाऊंगी ।
सीमा का में भेद न जानुं,
नीडर उड़ती जाऊंगी ।
देश- देश का मैं रंग ढ़ंग,
सब देख कर आऊंगी।
सुख -दुख बांटना इस जग में,
यह संदेश पहुंचाऊंगी।
हम भारतीय दीनदयाल,
यह बात समझाऊंगी।
एक ही धरती जननी सबकी,
एक ही अंबर पालक है।
हम सब बच्चे भाई- भाई,
क्यों एक -दूजे के दुश्मन है।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर ( हिमाचल प्रदेश)