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22 Mar 2018 · 1 min read

मैं दूब हूँ

मैं दूब हूँ
चरी जाती हूँ
काटी जाती हूँ
उखाड़ कर रख दी जाती हूँ
मेड़ पर
खेत से बार-बार

मैं दूब हूँ
इसलिये थेथर हूँ
कोमल कणों से लेकर
पत्थरों तक से करती हूँ संघर्ष
पाँव जमाने के लिये

मैं दूब हूँ
उपेक्षित हूँ
पर हरी हँ
साथ ही कोमल भी
पर इरादों म़े कड़ी हूँ

म़ै दूब हूँ
पद-दलित हूँ
शोषित हूँ
पर उदास नहीं हूँ
क्यों कि मैं हूँ पोषक
शोषक नहीं हूँ
और मैं हूँ
विष्णु -प्रिया

Language: Hindi
1 Like · 476 Views
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