मैं तो शायद बदल गया हूं ।
मै तो शायद बदल गया हूं
पर तुझमे जज़्बात नही है ।।
और आंधियां ग़म की सहता
इस दिल के हालात नही है ।।
यादों मे तन्हाई ना हो ।
ऐसी कोई रात नही है ।।
अश्को से भीगा रहता हूं
सावन की बरसात नही है ।।
और दुखो को सह पाऊँ मै ।
अब मेरी औकात नही है ।।
राम केश मिश्र