मैं तो महज क़ायनात हूँ
मैं तो महज क़ायनात हूँ
मुझमें है सागर मुझमें हवाएँ
मुझमें खिजां मुझमें फिज़ाएँ
मैं तो महज क़ायनात हूँ
मुझसे हैअंबर मुझसे ये तारे
मुझसे कलियाँ फूल हैं प्यारे
मैं तो महज क़ायनात हूँ
देखो तो तितली रंग बिरंगी
फिरते हैं भंवरे जैसे फिरंगी
मैं तो महज क़ायनात हूँ
आंधी,तुफां घुमड़ती घटाएँ
मुझसे निकले मुझमें समाएँ
मैं तो महज क़ायनात हूँ
V9द ये चँदा ये सूरज तुम्हारे
ये नदियाँ पर्वत हैं जद में हमारे
मैं तो महज क़ायनात हूँ