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2 Sep 2019 · 1 min read

मैं तो कलम था

कहीं बिक गया,

कहीं डर गया,

कहीं डराया गया

कहीं घसीटा गया,

मैं तो कलम था

अजी हांथो को,

तो कटा गया…

मेरे हौसले में दम था

मैं कुछ निर्भीक हांथों में भी

पाया गया,

सच पे आग उगलते भी

कई बार मुझे देखा गया

…सिद्धार्थ

Language: Hindi
1 Like · 246 Views
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