Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2022 · 1 min read

मैं तो एक खिलौना हु

सब कुछ देख कर नजर अंदाज कर देता हु
मैं तो एक खिलौना हु सब चोट बर्दास्त कर लेता हु

Language: Hindi
103 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रकृति
प्रकृति
Sûrëkhâ
जिद कहो या आदत क्या फर्क,
जिद कहो या आदत क्या फर्क,"रत्न"को
गुप्तरत्न
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
Sunil Suman
"सोच"
Dr. Kishan tandon kranti
हरि का घर मेरा घर है
हरि का घर मेरा घर है
Vandna thakur
■ जय नागलोक
■ जय नागलोक
*Author प्रणय प्रभात*
कॉटेज हाउस
कॉटेज हाउस
Otteri Selvakumar
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
Rajesh Kumar Arjun
मेरी चुनरी में लागा दाग, कन्हैया
मेरी चुनरी में लागा दाग, कन्हैया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
शेखर सिंह
धुंधली यादो के वो सारे दर्द को
धुंधली यादो के वो सारे दर्द को
'अशांत' शेखर
राह देखेंगे तेरी इख़्तिताम की हद तक,
राह देखेंगे तेरी इख़्तिताम की हद तक,
Neelam Sharma
तू रुकना नहीं,तू थकना नहीं,तू हारना नहीं,तू मारना नहीं
तू रुकना नहीं,तू थकना नहीं,तू हारना नहीं,तू मारना नहीं
पूर्वार्थ
* जिन्दगी *
* जिन्दगी *
surenderpal vaidya
।।आध्यात्मिक प्रेम।।
।।आध्यात्मिक प्रेम।।
Aryan Raj
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
Yogendra Chaturwedi
जरूरत के हिसाब से सारे मानक बदल गए
जरूरत के हिसाब से सारे मानक बदल गए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कैसी
कैसी
manjula chauhan
2635.पूर्णिका
2635.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ठंड से काँपते ठिठुरते हुए
ठंड से काँपते ठिठुरते हुए
Shweta Soni
शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा।
शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा।
अनिल "आदर्श"
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
Anand Kumar
अहमियत इसको
अहमियत इसको
Dr fauzia Naseem shad
गीत
गीत
Pankaj Bindas
बना रही थी संवेदनशील मुझे
बना रही थी संवेदनशील मुझे
Buddha Prakash
अधखिली यह कली
अधखिली यह कली
gurudeenverma198
नहीं विश्वास करते लोग सच्चाई भुलाते हैं
नहीं विश्वास करते लोग सच्चाई भुलाते हैं
आर.एस. 'प्रीतम'
उदासी एक ऐसा जहर है,
उदासी एक ऐसा जहर है,
लक्ष्मी सिंह
बैठा के पास पूंछ ले कोई हाल मेरा
बैठा के पास पूंछ ले कोई हाल मेरा
शिव प्रताप लोधी
ऊंट है नाम मेरा
ऊंट है नाम मेरा
Satish Srijan
Loading...