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6 Feb 2024 · 1 min read

मैं तुम और हम

इकलौता लाडला
सभी का दुलारा
आंख का तारा
न जाने कब
तरुणाई से यौवन की
दहलीज पे पहुंच गया
तुम से टकरा गया
शत प्रतिशत बेमेल
दिल आ गया
भावुकता मे बह कर
कर लिए कुछ वादे
नादान पूरा करने मे
बागी बन जुट गया
सभी को झुका के
तुम को ब्याह लाया
मैं और तुम
हम बने
दो जिस्म एक जान
तुम कुंआ मैं मेढक
तुम ही मेरी दुनियां
कौन आया कौन गया
कौन हंसा कौन रोया
कौन सुखी कौन दुखी
बेमतलब बेपरवाह
हम को तो बस अपने से काम
फिर आया वो दिन
एहसास हुआ
तुम को पाने मे
अपनों से बिछड गया
तुम बा-वजूद
मै तुम में खो कर
बे-वजूद हो गया
हम से मैं को निकालने की
छटपटाहट बेचैनी
गुड़ भरी हंसिया
गले की फांस
कुछ करना होगा
सख्त होना होगा
हम से मैं को
अलग कर देखना होगा
मैं का भी वजूद है
ये जताना होगा

@ अश्वनी कुमार जायसवाल

Language: Hindi
Tag: Poem
65 Views
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