मैं तुम्हारी सुनहरा अतीत
मैं तुम्हारी सुनहरा अतीत,
जब कोई तुम्हें आघात दे
दिल को तोड़ दे,
मायूस न होकर
देखना एकबार मेरी तरफ
मन की आँखे खोलकर;
मैं तुम्हारी सुनहरा अतीत,
दुख की भार को
सह न पाकर
जब पोंछते-पोंछते आँसू
थक जाओगे तुम,
दिल के आईने में
देखना एक बार
मेरी तस्वीर को तुम;
मैं तुम्हारी सुनहरा अतीत,
जीवन के अंतिम क्षण में
मृत्यु शय्या पर लेटकर
पीड़ित मन की वेदना को
जब किसीको नहीं
कह सकोगे तुम,
आँखे मूँद कर खो जाना
मेरे ख्यालों में
सबकुछ भूलाकर तुम ।