मैं तुमको याद रखने के सिवा कुछ भी नही करता
मुहब्बत न रहे तो फिर रहा कुछ नहीं करता..
की इतनी तेज़ आँधी मे बचा कुछ भी नहीं करता..
तू मुझको याद रखना अब गवारा ही नहीं करती..
मैं तुझको याद रखने के सिवा कुछ भी नहीं करता..
कहा था तुझसे नादान की जुल्म की तेज़ बारिश मे..
सिवाय कच्चे मकानो के गिरा कुछ भी नहीं करता.
सिवाये बेवफाइ के तुम अब कुछ भी नहीं करती..
वफा के सिवा अब एस. कुमार कुछ नहीं करता..
एक भी पल बिना तेरे मैं अब जी नहीं सकता..
जीने की वजह हो तुम जहर मैं पी नहीं सकता..