मैं तुझसे हूँ तू मुझ में माँ।
?मातृदिवस ?
मैं तुझसे हूँ तू मुझ में माँ
अपनी खुशियां भूल ,मेरी खुशियो में खुश होती माँ
दामन से अपने दुःख छान जीवन खुशियां पिरोती माँ
स्पर्श तेरा अमृत सा मरहम मेरे ज़ख्मों का लेप माँ
मैं तुझसे हूँ तू मुझ में माँ।
कोख तेरी, था दूध तेरा तुझसे ही वजूद मेरा माँ
धड़कन से लेकर बहता खून है बूंद बूंद तेरा माँ
मै भूखी,तू सोई भूखी,दर्द मेरा पर रोना तेरा माँ
मैं तुझसे हूँ, तू मुझ में माँ।
मेरे जीवन गीत खुशी के, तेरी ही आवाज़ से माँ
इस जग से लड़ने की क्षमता तेरे ही विश्वास से माँ
तेरे ही आशीष के सुर पर थिरके मेरी ह्रदय धड़कन माँ
मैं तुझसे हूँ तू मुझ में माँ।
आँचल तेरा मेरे लिए ही जैसे शीतल सी हवा चली माँ
सर्दी में गर्मी भी तेरी साँसों की भाप ने दी हर पल माँ
हर वार पर मेरी ढाल बना तेरा गजब सा साहस माँ
मैं तुझसे हूँ तू मुझ में माँ।
दुनिया सारी एक तरफ़,मेरा तो प्यार तुझसे ही शुरू माँ
हुआ है ख़त्म मेरा संसार मेरा जीवन तुझ पर ही माँ
हर धड़कन तुझ पर दूं वार ,इतनी में आभारी हूं माँ
मैं तुझसे हूँ तू मुझ में माँ।