मैं तुझको देखता….
मैं तुझको देखता, तू मुझको देखता,
इस तरह अपना यह जीवन बीतता,
बदल रहा तू भी हर घड़ी,
रोज निगाहें तुझ पर गड़ी,
सुख दुःख का नहीं असर,
शान से बैठा तू घर – घर,
साल भर में बदलता काया,
क्या अजब है तेरा ये साया,
हर मुहूर्त का तू है जन्म दाता,
सारा जग तेरी महिमा गाता,
रोज- रोज दर्शन करते तेरे,
बिन तेरे होते नहीं है फेरे,
तुझसे ही बना है स्वर्णिम इतिहास ,
तुझे पता नहीं तू है कितना खास,
कोर्ट कचहरी तुझसे चलते,
प्रेमी प्रेमिका वादे निभाते,
अपराधी को मिलता दण्ड,
देख तुझे बनिया पाता फंड,
तू अजर अमर अविनाशी,
तू है घर – घर का वासी,
पंच तत्वों से बनी मेरी काया,
और पंच अंगों की तेरी माया,
तिथि नक्षत्र दिन योग और वार,
चलता है तू होकर इन पर सवार,
मैं तुझको देखता, तू मुझको देखता,
इस तरह अपना जीवन बीतता,
—–जेपीएल