मैं जो कह भी नहीं रही
मैं जो कह भी नहीं
रही
वह तुम्हें सुन रहा है
मन में जो तुम्हारे
बातें बैठ गई हैं
जो मेरी छवि तुमने
बना ली है
जो तुम्हारे जीवन के कटु
अनुभव हैं
उनसे तुम बाहर निकल नहीं पा
रहे हो
सही को गलत और
गलत को अक्सर सही समझते
हो
सच का सामना करने से
घबराते हो
भ्रम में जीते हो
बनावटीपन में
खुशियों के घर
तलाशते हो
अपनों से तो तुमने बिल्कुल
किनारा कर लिया
परायों को अपना समझकर
गले लगाते हो
परिवार के लिए
तुम्हारे पास
बिल्कुल समय नहीं
यूं तो व्यर्थ की बातों में
बेकार के दोस्तों के साथ
अपना समय गंवाते हो
किसी के दुख तकलीफ से
तुम्हारा कोई वास्ता नहीं
कहने को तो
धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन तुम
बड़े धूमधाम से करवाते हो
तुम भी आज के युग की
एक भटकती हुई सोच
एक विकृत मानसिकता
एक भौतिकतावाद की अंधी दौड़ के
शिकार हो चुके हो
भगवान तुम जैसे लोगों को
सद्बुद्धि दें
समाज के कल्याण के साथ साथ
परिवार का भी कल्याण करो
ऐसी हिम्मत
ऐसी संवेदनशीलता
ऐसी सोच दे।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001