मैं जीवन दायनी मां गंगा हूं।
मैं जीवन दायनी मां गंगा हूं।
शिव ललाट से उत्पन्न हुई,
भागीरथी के पग के पथ का,
अनुशरण करती,,,
मैं पृथ्वी पर अविरल बहती,
निर्मल जीवन धारा हूं!!!
मैं जीवन दायनी मां गंगा हूं।
मैं वन उपवन होती हुई,
पत्थर पहाड़ चीरती हुई,
पृथ्वी लोक पर आई हूं,,,
मुझको रखना स्वच्छ हमेशा,
मैं तुम सबकी माता हूं!!!
मैं जीवन दायनी मां गंगा हूं।
मैं मोक्ष प्राप्ति का साधन हूं,
पाप से मुक्ति का मैं माध्यम हूं,,,
मेरे लहरों के प्रवाह में,
शुद्धि शक्ति का प्रभाव है,
मैं तुम सबकी तारण कर्ता हूं!!!
ताज मोहम्मद
लखनऊ