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13 May 2024 · 1 min read

मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।

गज़ल-22

मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
तुम्हारा जिक्र होगा जब हमारा नाम आएगा।1

हमीं तुम्हीं रहेंगे यार लोगों की जुबान पर,
कोई हमें कोई तुम्हें जरुर गुनगुनाएगा।2

गजल व गीत बन के हम करेंगे दिल की बात जब,
सुनेगा जो भी एक बार खुल के खिल खिलाएगा।3

कि डूबना ही तय है इसमें कोई शक शुबा नहीं,
नदी न जिसने देखी होगी कैसे तैर पाएगा।4

बनोगे प्रेमी प्यार के तो जिंदगी हसीन है,
जो प्यार में पलेगा वो खुशी के गीत गाएगा।5

…………✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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