मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
गज़ल-22
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
तुम्हारा जिक्र होगा जब हमारा नाम आएगा।1
हमीं तुम्हीं रहेंगे यार लोगों की जुबान पर,
कोई हमें कोई तुम्हें जरुर गुनगुनाएगा।2
गजल व गीत बन के हम करेंगे दिल की बात जब,
सुनेगा जो भी एक बार खुल के खिल खिलाएगा।3
कि डूबना ही तय है इसमें कोई शक शुबा नहीं,
नदी न जिसने देखी होगी कैसे तैर पाएगा।4
बनोगे प्रेमी प्यार के तो जिंदगी हसीन है,
जो प्यार में पलेगा वो खुशी के गीत गाएगा।5
…………✍️ सत्य कुमार प्रेमी