मैं खुश होना भूल गया
मैं खुश होना भूल गया
फूलों से खुशबु लेना भूल गया
गलियों मे बेवजह फिरना भूल गया
दोस्तों के साथ हँसना भूल गया
भाई बहनो से बात करना भूल गया
नदियों मे तैरना भूल गया
मेले मे मौज करना भूल गया
फेरे वालों की खट्टी मीठी गोलियां भूल गया
दादी नानी की परियों की कहानिया भूल गया
दादा नाना की छतरि, लाठी भूल गया
मामा, मौसी की प्यारी भरी झिड़की भूल गया
भूल गया भूल गया सब भूल गया
ऐ मेरे दोस्त तुम्हें याद आये तो बता देना
और क्या क्या मैं भूल गया……