Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Aug 2024 · 1 min read

मैं खुद भी सोचता हूँ ये क्या मेरा हाल है; जिसका जवाब चाहिए,

मैं खुद भी सोचता हूँ ये क्या मेरा हाल है; जिसका जवाब चाहिए, वो क्या सवाल है;

घर से चला तो दिल के सिवा पास कुछ न था; क्या मुझसे खो गया है, मुझे क्या मलाल है;

आसूदगी से दिल के सभी दाग धुल गए; लेकिन वो कैसे जाए, जो शीशे में बल है;

बे-दस्तो-पा हू आज तो इल्जाम किसको दूँ; कल मैंने ही बुना था, ये मेरा ही जाल है;

फिर कोई ख्वाब देखूं, कोई आरजू करूँ; अब ऐ दिल-ए-तबाह, तेरा क्या ख्याल है।

109 Views

You may also like these posts

तारों की बारात में
तारों की बारात में
Suryakant Dwivedi
हम तुम और बारिश की छमछम
हम तुम और बारिश की छमछम
Mamta Rani
तुम्हीं  से  मेरी   जिंदगानी  रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
Rituraj shivem verma
राष्ट्र की अभिमान हिंदी
राष्ट्र की अभिमान हिंदी
navneet kamal
अच्छा लिखने की तमन्ना है
अच्छा लिखने की तमन्ना है
Sonam Puneet Dubey
हे मन
हे मन
goutam shaw
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
Poonam Matia
#प्रसंगवश...
#प्रसंगवश...
*प्रणय*
महाकाल के भक्त है अंदर से सशक्त है।
महाकाल के भक्त है अंदर से सशक्त है।
Rj Anand Prajapati
मेरी जिंदगी में जख्म लिखे हैं बहुत
मेरी जिंदगी में जख्म लिखे हैं बहुत
Dr. Man Mohan Krishna
बेवजह ही रिश्ता बनाया जाता
बेवजह ही रिश्ता बनाया जाता
Keshav kishor Kumar
13. *फरेबी दुनिया*
13. *फरेबी दुनिया*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
SURYA PRAKASH SHARMA
*जब शिव और शक्ति की कृपा हो जाती है तो जीव आत्मा को मुक्ति म
*जब शिव और शक्ति की कृपा हो जाती है तो जीव आत्मा को मुक्ति म
Shashi kala vyas
"मंजर"
Dr. Kishan tandon kranti
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
Anil chobisa
सच तो ये भी है
सच तो ये भी है
शेखर सिंह
मैं हूँ भारतीय 🇮🇳
मैं हूँ भारतीय 🇮🇳
Sakhi
कविता
कविता
Rambali Mishra
दोहा त्रयी. .
दोहा त्रयी. .
sushil sarna
खुद से मुहब्बत
खुद से मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
10 अस्तित्व
10 अस्तित्व
Lalni Bhardwaj
*दिल चाहता है*
*दिल चाहता है*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
स्वाद छोड़िए, स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए।
स्वाद छोड़िए, स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए।
Sanjay ' शून्य'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे
वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे
Neeraj Mishra " नीर "
जिंदगी आईने से खुल जाती है सामने से
जिंदगी आईने से खुल जाती है सामने से
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी के सफर में मित्र ऐसा होना चाहिए जो आपके मजाक को मजाक
जिंदगी के सफर में मित्र ऐसा होना चाहिए जो आपके मजाक को मजाक
shubham saroj
चलना है मगर, संभलकर...!
चलना है मगर, संभलकर...!
VEDANTA PATEL
Loading...