मैं क्यों लिखता हूं
जब एक लेखक लिखता है ।
तो उसकी जुबान नहीं उसकी कलम बोलती है ।
लेखक जो आंख से देखता है।
कानों से सुनता है।
और जो अपने आसपास के माहौल में जो चल रहा है ।
वह नोट करता है।
और लिखता जाता है ।
जब तक उसकी कहानी को एक नया रूप नहीं मिल जाता ।
लेखक लिखता जाता है ।
और समय बीतता जाता है।
और जब उसकी लिखी हुई पंक्ति,
किसी किताब में छपती है।
उसे अपने आप में बहुत खुशी महसूस होती है।
इतने सालों की मेहनत आज रंग लाई है।
मेरा नाम और मेरी किताब दुनिया के सामने आई है।
बचपन से मेरी रुचि सुंदर-सुंदर कविताओं की रचना करने की है। जो आज मैं करना चाहता हूं।
आज से मैं अपना लेखन कार्य प्रारंभ कर रहा हूं ।
मुझे उम्मीद है।
कि मेरे द्वारा लिखी गई कविताएं
आपको बहुत पसंद आएगी ।
अर्जुन सिंह ग्राम जगमेरी
तहसील बैरसिया जिला भोपाल
M 8120650431