Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Apr 2024 · 1 min read

मैं कौन हूं

सावन की पहली बरसात हूं
अमावस्या की काली रात हूं
अंत काल की अंत बात हूं
एक छोटी सी शूरूवात हू
कलम की आवाज
,होंठ रखता अपने मौन हूं
कोई पूछे तो बता देना
, मैं कौन हूं,मैं कौन हूं

मैं काल हूं महाकाल हूं

वीरों की तलवार हूं
कविताएं का संसार हूं
लेला मजनू का प्यार हूं
ब्रह्मांड के उस पार हूं
जहरीला का नाग हूं
श्मशान की आग हूं
उपन्यास का भाग हूं
समूंद्र की जाग हूं

चांद हर रात का
नीजोड़ हर बात का
कड़वा हिस्सा काइनात का
आरंभ हूं मैं नाथ का
शरीफों में भींगी बिल्ली
बदमाश का डोन हूं
कोई पूछे तो बता देना
अनूप कन्हडी मैं कौन हूं

मैं काल हूं महाकाल हूं

2 Likes · 99 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"सैनिक की चिट्ठी"
Ekta chitrangini
भोर समय में
भोर समय में
surenderpal vaidya
अच्छी यादें सम्भाल कर रखा कीजिए
अच्छी यादें सम्भाल कर रखा कीजिए
नूरफातिमा खातून नूरी
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
goutam shaw
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
क्या लिखूँ
क्या लिखूँ
Dr. Rajeev Jain
जो लोग टूट जाते हैं किसी से दिल लगाने से,
जो लोग टूट जाते हैं किसी से दिल लगाने से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
माता रानी का भजन अरविंद भारद्वाज
माता रानी का भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
मुग़ल काल में सनातन संस्कृति,मिटाने का प्रयास हुआ
मुग़ल काल में सनातन संस्कृति,मिटाने का प्रयास हुआ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ओ मैना चली जा चली जा
ओ मैना चली जा चली जा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
खुशियों के पल पल में रंग भर जाए,
खुशियों के पल पल में रंग भर जाए,
Kanchan Alok Malu
आज दिल कुछ उदास सा है,
आज दिल कुछ उदास सा है,
Manisha Wandhare
कर्म ही है श्रेष्ठ
कर्म ही है श्रेष्ठ
Sandeep Pande
बारिश का मौसम
बारिश का मौसम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,
जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,
ओनिका सेतिया 'अनु '
जब मैं इस धरा पर न रहूं मेरे वृक्ष
जब मैं इस धरा पर न रहूं मेरे वृक्ष
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
#नादान प्रेम
#नादान प्रेम
Radheshyam Khatik
सिपाही
सिपाही
Neeraj Agarwal
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
MEENU SHARMA
एक समय के बाद
एक समय के बाद
हिमांशु Kulshrestha
प्रकृति (द्रुत विलम्बित छंद)
प्रकृति (द्रुत विलम्बित छंद)
Vijay kumar Pandey
अब हमारे देश में
अब हमारे देश में "नाबालिग़" का मतलब है "लाइसेंस होल्डर क्रिमि
*प्रणय*
तेरे साथ गुज़रे वो पल लिख रहा हूँ..!
तेरे साथ गुज़रे वो पल लिख रहा हूँ..!
पंकज परिंदा
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
நீ இல்லை
நீ இல்லை
Otteri Selvakumar
सिकन्दर बन कर क्या करना
सिकन्दर बन कर क्या करना
Satish Srijan
अब मत पूछो
अब मत पूछो
Bindesh kumar jha
बोलो राम राम
बोलो राम राम
नेताम आर सी
गुफ्तगू करना चाहो तो
गुफ्तगू करना चाहो तो
Chitra Bisht
Loading...