मैं कौन हूं
सावन की पहली बरसात हूं
अमावस्या की काली रात हूं
अंत काल की अंत बात हूं
एक छोटी सी शूरूवात हू
कलम की आवाज
,होंठ रखता अपने मौन हूं
कोई पूछे तो बता देना
, मैं कौन हूं,मैं कौन हूं
मैं काल हूं महाकाल हूं
वीरों की तलवार हूं
कविताएं का संसार हूं
लेला मजनू का प्यार हूं
ब्रह्मांड के उस पार हूं
जहरीला का नाग हूं
श्मशान की आग हूं
उपन्यास का भाग हूं
समूंद्र की जाग हूं
चांद हर रात का
नीजोड़ हर बात का
कड़वा हिस्सा काइनात का
आरंभ हूं मैं नाथ का
शरीफों में भींगी बिल्ली
बदमाश का डोन हूं
कोई पूछे तो बता देना
अनूप कन्हडी मैं कौन हूं
मैं काल हूं महाकाल हूं