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2 Aug 2022 · 1 min read

मैं कुछ कहना चाहता हूं

मैं कुछ कहना चाहता हूं
मुझको आज मत रोको
बड़ी मुश्किल से हिम्मत की है
मुझको आज मत टोको

दिल में तो बसी है तू
सामने क्यों नहीं आती
सबकुछ चला जाता है
तेरी याद क्यों नहीं जाती

जाने क्या चाहती है तू
मुझको क्यों नहीं बताती
दूर रहकर सताती है मुझे
कभी करीब क्यों नहीं आती

हो गया है जीना मुश्किल
जबसे तुझको देखा है मैंने
हो गई है सारी चाहतें खत्म
जबसे तुझको चाहा है मैंने

हर तरफ तू ही नज़र आता है
बस मेरे सामने नहीं आता
भर लूंगा अपनी बाहों में तुम्हें
है ये ख्याल भी सुकूं दे जाता

तू कब समझेगा मेरा प्यार
इन आंखों में तो झांक ज़रा
आकर मेरी ज़िंदगी में अब
मेरी किस्मत तो संवार ज़रा

तड़पाया है बहुत तुमने मुझे
अब खुशियों की सौगात भी दे
मेरे दिल में बसे हो बहुत दिनों से
अब अपने दिल में बसा भी दे

तुम ही तो हो चाहत मेरी
आकर ज़िंदगी को संवार मेरी
पूरी कर मेरे दिल की आरज़ू
बनकर तू अब ज़िंदगी मेरी।

Language: Hindi
11 Likes · 2 Comments · 603 Views
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