मैं कभी नहीं कहूंगी
मैं कभी नहीं कहूंगी मैं दुखी हूं
तुम आंखों में मेरी उदासी देख लेना,
मैं कभी नहीं कहूंगी मन भर सा है
तुम बेवजह भी मुझे कभी भी गले से लगा लेना,
मैं कभी नहीं कहूंगी रुक जाओ
तुम खुद ही किसी बहाने से मेरे पास कुछ वक्त और रह लेना,
मैं कभी नहीं कहूंगी मुझे क्या चाहिए
बस तुम पहले से थोड़ा ज्यादा मुझे और चाह लेना…!
~ गरिमा प्रसाद