*कुछ तो बात है* ( 23 of 25 )
*जीवन है मुस्कान (कुंडलिया)*
समाधान से खत्म हों,आपस की तकरार
I used to be good with people.
हाँ देख रहा हूँ सीख रहा हूँ
आप खुद को हमारा अपना कहते हैं,
क्यों खफा है वो मुझसे क्यों भला नाराज़ हैं
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
Bundeli Doha pratiyogita 142
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बहुत फुर्सत मै पढ़ना आनंद आ जायेगा......
सज़ा-ए-मौत भी यूं मिल जाती है मुझे,