Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2019 · 1 min read

मैं और मेरे ख़्वाब

शहर के किसी एक कोने से
कुछ सुन कर कुछ सुना कर
अपने साथ कुछ खुशियां समेट लाता हूँ
साथ-साथ थोड़ा धका सा
थोड़ा प्यासा घर आता हूं
पर मैं खुश होकर आता हूँ
सब कुछ प्यारा सपना सा लगता है
घर मे आकर सुस्ताता हूँ
खुशियों को संभाले मुस्कुराता हूँ
खाता हूं फिर ख़ुशी-ख़ुशी सो जाता हूँ
सुबह थकान में नींद खुलती है
अज़ीब से ख़ालीपन के साथ
लगता है अपना बहुत कुछ चला गया
और फिर घरवाले सवाल करते है

-दीपक सिंह

Language: Hindi
1 Like · 201 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*लोकमैथिली_हाइकु*
*लोकमैथिली_हाइकु*
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ମଣିଷ ଠାରୁ ଅଧିକ
ମଣିଷ ଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
इंतज़ार तुम्हारा!
इंतज़ार तुम्हारा!
Pradeep Shoree
स्नेह का बंधन
स्नेह का बंधन
Dr.Priya Soni Khare
" तुम "
Dr. Kishan tandon kranti
भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
Dr fauzia Naseem shad
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो,
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो,
Ranjeet kumar patre
वो अब नहीं आयेगा...
वो अब नहीं आयेगा...
मनोज कर्ण
" REMINISCENCES OF A RED-LETTER DAY "
DrLakshman Jha Parimal
तू सीता मेरी मैं तेरा राम हूं
तू सीता मेरी मैं तेरा राम हूं
Harinarayan Tanha
दोहा पंचक. . . . . नटखट दोहे
दोहा पंचक. . . . . नटखट दोहे
sushil sarna
आज के युग के आधुनिक विचार
आज के युग के आधुनिक विचार
Ajit Kumar "Karn"
हम तूफ़ानों से खेलेंगे, चट्टानों से टकराएँगे।
हम तूफ़ानों से खेलेंगे, चट्टानों से टकराएँगे।
आर.एस. 'प्रीतम'
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
Dr Archana Gupta
ऋतुराज
ऋतुराज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
ऐसे ही थोड़ी किसी का नाम हुआ होगा।
ऐसे ही थोड़ी किसी का नाम हुआ होगा।
Praveen Bhardwaj
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
Sunil Suman
रक्तदान ही महादान
रक्तदान ही महादान
Anil Kumar Mishra
2628.पूर्णिका
2628.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
#पथ-प्रदीप
#पथ-प्रदीप
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तोहर स्नेह
तोहर स्नेह
श्रीहर्ष आचार्य
💐अभिनंदन💐
💐अभिनंदन💐
*प्रणय*
क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
gurudeenverma198
आओ गुफ्तगू करे
आओ गुफ्तगू करे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
खैर-ओ-खबर के लिए।
खैर-ओ-खबर के लिए।
Taj Mohammad
सपनों की उड़ान: एक नई शुरुआत
सपनों की उड़ान: एक नई शुरुआत
Krishan Singh
मदनहर छंद
मदनहर छंद
Rambali Mishra
चिट्ठी नहीं आती
चिट्ठी नहीं आती
आशा शैली
Loading...