मैं और मेरी कलम
स्वच्छंद विचारों वाली, स्वास्थ्य की मैं शाखी हूँ!
नाम मेरा रेखा, बैतूल मध्यप्रदेश की वासी हूँ!!
अस्वस्थ काया मनोरोग की, पीड़ा हर जाती हूँ!
परिवार दोस्तों संग, जीवन में रंग भर पाती हूँ!!
पीर असहनीय हुई, जब अपनों पर न कोई असर हुआ!
तीर तरकश अल्फ़ाज़ों संग, शुरू कलम का सफर हुआ!!
बनी सच्ची साथी मेरी, मन के भावों समेटती है!
खुशी में फूल गम में शूल, प्रेम विरह उकेरती है!!
करे नहीं बगावत मुझसे, न बंदिशें ये लगाती है!
न कभी तो तंज कसे, वो सदा मुझको जगाती है!!
रेखा ?”कमलेश “?
होशंगाबाद, मप्र
18/03/2020@2pm
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