मैं और तुम अब साथ नहीं
मैं और तुम अब साथ नहीं
पर जज्बातों का सिलसिला तो हैं
मेरे ख्वाबो की दुनिया में तुम तो हो
जिसमे हम साथ तो हैं
ना हम लड़ते है, और ना रूठते हैं
मैं और तुम अब साथ नहीं!
रहना भी सिख लिया हैं तुम बिन
जी लेते हैं तुझ को याद कर के
अपनी तंहाईओ में तेरी यादों को जीती हूँ
दिल से कभी तुझको निकाल नही पाएंगे
मेरे हर ख्यालों मे जिंदा तु हैं
सपनो में मिल लेती हूँ तुझ से!