“मैं” एहसास ऐ!
“मैं” एहसास ऐ!
जिंदगी जीना चाहती हूँ
कदम दो कदम !
अकेले चलना चाहती हूँ
ऊब सी गई हूँ भीड़ से
अब “मैं”
अकेले मंजिल तय करना चाहती हूँ।
हरमिंदर कौर, अमरोहा (उत्तर प्रदेश)
“मैं” एहसास ऐ!
जिंदगी जीना चाहती हूँ
कदम दो कदम !
अकेले चलना चाहती हूँ
ऊब सी गई हूँ भीड़ से
अब “मैं”
अकेले मंजिल तय करना चाहती हूँ।
हरमिंदर कौर, अमरोहा (उत्तर प्रदेश)