मैं एक औरत हूं
मैं एक औरत हूं
पर हां
एक जीती जागती
सांस लेती इंसान भी हूं
यह जीवन मिला है तो
इसे भरपूर जीना चाहती हूं
इसके हर पहलू को समझना चाहती हूं
इसमें कुछ खोजना चाहती हूं
छोटी छोटी खुशियों को तलाशना चाहती हूं
मेरे बंधन खोलकर
मेरा जितना हो पाये सहयोग करो
मुझे निराश मत करो
मुझे पंख फैलाकर
थोड़ा थोड़ा उड़ने दो
मेरा तिरस्कार मत करो
चाहो तो मुझसे प्यार मत करो
मैं भगवान की बनाई
एक बहुत सुंदर कृति हूं
गर मानो तो
भगवान को मानते हो
उसमें गर करते हो विश्वास तो
औरत पर भी करो विश्वास
वह एक अबला नहीं बल्कि
सबला है
गुणों का खजाना है
उसमें कोई कमी देखो तो
उसे बताओ
उसे बिखेरो नहीं
उसे विकसित करने में
एक सहायक की भूमिका निभाओ
वह कोई खिलौना नहीं
कोई चीज नहीं
कोई नकारने योग्य वस्तु नहीं
वह तो खुली आंखों से दिखता
एक बहुत ही सुंदर
जीता जागता सपना है
प्रकृति का सबसे अनमोल उपहार है
एक बगिया का महकता
लहलहाता
आकर्षक फूल है
एक औरत नहीं तो
यह दुनिया वीरान है
सारी रौनक उसी से है
सारी सृष्टि के संचार का माध्यम ही
वही है
वह जन्मदाता है
कर्म दाता है
माता है
बेटी है
बहिन है
सब कुछ तो है
हर पल सबका साथ देती
सबका मनोबल बढ़ाती
खुद बलिदान करके
अपने घर परिवार
रिश्तेदार नातेदार
दोस्त बंधु सबको आगे बढ़ाती
वह तो तुम सबकी गाड़ी को
पटरी पर सही दिशा में
चलाती
उसे पीछे धकेलोगे तो
यह गाड़ी भी रुक जायेगी
इसके पहिये गोंद से चिपककर
धरती पर जम जायेंगे
उसमें धंस जायेंगे
ऐसा कदापि न करो
उसे साथ लेकर चलो
उसे अपनी भूमिका अदा करने दो
वह जो करना चाहती है
उसके लिए उसे सोचने की शक्ति दो
उसे समय दो
उसे जगह दो
उसे उचित अवसर दो
उसके पर मत काटो
उसे धीरे धीरे ही सही पर
थोड़ा थोड़ा उड़ने दो
आसमान तक न भी उड़ पाये
जैसे चाहे उसकी इच्छानुसार उसे
जमीन पर
चाहे तो हौले हौले या
चाहे तो तेज कदमों से
जीवन की दौड़ में आगे बढ़ने दो।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001