मैं आ रहा हूं ना बस यही बताना चाहतें हो क्या।।
सजाकर महफिल को फूलों से दिखाना चाहतें हो क्या।मैं आ रहा हूं ना बस यही बताना चाहतें हो। और मैं क्या हूं हर शख्स को ।मेरा हुनर जताना चाहतें हो क्या। और लगा है जख्म जो मेरे दिल पर। उस पर तुम मरहम लगाना चाहतें हो क्या।और देकर एक हसीन गुलाब का फूल। कमल ठाकुर को गुलाम बनाना चाहतें हो क्या। और करके रहम इतना मुझ पर । अपना एहसान जताना चाहतें हो क्या।और महफिल में नाम थोड़ा मेरा भी है। अरे बदनाम कराना चाहतें हो क्या ।मैं आ रहा हूं ना बस यही बताना चाहतें हो क्या।।
★IPS KAMAL THAKUR ★