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30 Apr 2023 · 1 min read

मैं “आदित्य” सुबह की धूप लेकर चल रहा हूं।

मैं “आदित्य” सुबह की धूप लेकर चल रहा हूं।
सोचा है दुनिया बदल दुंगा यही सोचकर ख़ुद बदल रहा हूं।।

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